आर्किमिडिज़ जीवनी Biography of Archimedes in Hindi

आर्किमिडिज़  प्राचीन यूनान में रहने वाले गणितज्ञ, भौतिकज्ञ, इंजीनियर, आविष्कारक और खगोलशास्त्री थे। इनके जीवन के बारे में बहुत कुछ मालूम नहीं है, लेकिन इन्हें प्राचीन पाश्चात्य सभ्यता के महानतम वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। भौतिकी को इन्होंने स्थिति-विज्ञान, द्रव्य स्थिति-विज्ञान और लीवर के सिद्धान्त प्रदान किए। इन्होंने कई नई मशीनें भी ईजाद कीं, जिनमें शामिल हैं घेराबंदी तोड़ने के लिए यंत्र और आर्किमिडिज़ पेच। इसके अलावा इन्होंने ऐसी मशीनों की परिकल्पना की जो पानी से जहाजों को उठा सकती थीं और दर्पणों के प्रयोग से नावों पर आग लगा सकती थीं; आधुनिक प्रयोगों से इन मशीनों की वास्तविकता सामने आई है।

आर्किमिडिज़ को प्राचीन संसार का महानतम गणितज्ञ माना जाता है और आजतक के महानतम गणितज्ञों में गिना जाता है। इन्होंने शून्यीकरण विधि का प्रयोग करके परवलय की चाप के नीचे का क्षेत्रफल निकाला और पाइ का अत्यंत सटीक परिमाण निकाला। इन्होंने आर्किमिडिज़ कुण्डली, परिक्रमण की सतह का घनफल और बहुत बड़ी संख्याओं को लिखने के नए तरीके निकाले।

इनके बारे में प्रसिद्ध है कि स्नान करते हुए इन्हें अकस्माक विचार आया कि सोने में मिलावट कैसे पकड़ी जाए और ये नग्न ही “यूरेका! यूरेका!” (यूनानी: “εὕρηκα! εὕρηκα!,” “मिल गया! मिल गया!”) चिल्लाते हुए सिराक्यूज़ की सड़कों पर दौड़ने लगे। इनका यह भी कथन प्रसिद्ध है, “मुझे यदि खड़े होने की जगह मिल जाए तो मैं (लीवर की मदद से) पृथ्वी को हिला सकता हूँ।

आर्किमिडिज़ का जन्म 287 ईस्वी पूर्व सिसिली द्वीप के सामराक्युज नामक नगर में एक सामंत परिवार में हुआ था | सामराक्युज सिसिली का सबसे शक्तिशाली नगर राज्य था | अभिजात्य होने के साथ साथ आर्किमिडिज़ के पिता एक खगोलविद एवं गणितज्ञ भी थे | आर्किमिडिज़ के जीवन के विषय में अधिकतर जानकारी तीन सदियों के पश्चात हुए प्लूटार्क लेखन द्वारा ही उपलब्ध होती है जिसे  40-120 ईस्वी पूर्व लिखा गया था | Archimedes आर्किमिडिज़ ने मिश्र के सिकंदरिया में अध्ययन किया था | सिकंदरिया नगर की स्थापना सिकन्दर महान द्वारा 332 ईस्वी पूर्व में की गयी थी | दुसरी सदी के आरम्भ में सिकंदरिया भूमध्यसागरीय दुनिया के विद्या के एक विशाल केंद्र के रूप में उभर रहा था |

सिकंदरिया के मशहूर ग्रन्थालय ने हेलिनिस्तिक दुनिया के सभी कोनो से विद्वानों को आकर्षित किया था | इसमें संग्रहित ग्रंथो में अरस्तु की किताबो का निजी संग्रह भी सम्मिलित है जिसे यूनानी काल का सबसे बड़ा निजी संग्रह माना जाता है | युक्लिड ने सिकंदरिया में कार्य किया था लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि आर्किमिडिज़ के सिकंदरिया पहुचने से पहले ही युक्लिड की मृत्यु हो गयी थी पर आर्किमिडिज़ को युक्लिड की  ज्यामिति पाठ्य पुस्तक मूल एलेमेंट्स के अध्ययन करने का अवसर अवश्य प्राप्त हुआ होगा | सिकंदरिया में अपने दो साथी विद्यार्थियों को आर्किमिडिज़ ने अपना मित्र बना लिया | जिनके साथ फिर जीवन पर्यन्त उन्हें सम्पर्क में रहना था | ये मित्र दो बड़े उत्कृष्ट गणितज्ञ कोनोन ऑफ़ सामोस और इरातोस्थेनीज ऑफ़ साईरन थे |

उस समय कागज एवं ब्लैकबोर्ड के अभाव में वे राख के अभाव में वे राख पर ज्यामितीय आकृतिया उकेरने लगते | आर्किमिडिज (Archimedes) एक गणितज्ञ तो थे ही मशीनों के विषय में भी उनकी बुद्धि अद्भुद थी | उन्होंने साइकारस को रोम के चंगुल से बचाने के लिए कई प्रकार के अविष्कार किये | एक बार वो वस्तु एवं द्रव से उसके भार के सिद्धांत पर विचार कर रहे थे | वो उसमे पुरी तरह तल्लीन थे |    अचानक नहाते नहाते उन्हें उसका समाधान मिला | वो उसी अवस्था में प्रसन्न होकर चिल्लाते चिल्लाते हुए भागे –यूरेका ! यूरेका ! (मिल गया )

आर्किमिडिज (Archimedes) ने लीवर के सिद्धांत पर कार्य किया | बड़े अंक प्रकट करने की विधि विकसित की | ठोस का क्षेत्रफल तथा भार ज्ञात किया | पाई का अनुमानित मूल्य निकालकर पानी को उंचा उठाने की मशीन बनाई | उन्होंने रोमनो के खिलाफ युद्ध में कई तरह की मशीनों का प्रयोग किया | उन्होंने साइकारस के मित्र राजा हीरो के अनुरोध पर शहर के तनाव के लिए शस्त्र बनाये जो काफी उपयोगी रहे | आर्किमिडिज ने अपने शस्त्रों का जौहर दिखाया |

दर्पणों के माध्यम से शत्रु सेना के जहाजो पर सूर्य किरने केन्द्रित की गयी और उनमे आग लग गयी | बड़ी बड़ी क्रेन जहाजो को उठाकर पानी पटक देती थी | युद्ध विराम तो हो गया लेकिन कुछ समय बाद वो एक रोमन सैनिक के हातो मारे गये | कहते है कि उन्हें नही पता था कि शहर पर कब्जा हो गया है |

आर्किमिडिज़ जीवनी Biography of Archimedes in Hindi

आर्किमिडिज सिद्धांत

एक धातु ब्लॉक पानी (या किसी भी अन्य तरल) में डूब जाता है, जब चार खड़ी बलों पानी की सतह के नीचे ब्लॉक पर काम करते हैं। इन बलों बलों के दो प्रकारों में बांटा जा सकता है।

नीचे बलों

ब्लॉक का वजन।

ब्लॉक के ऊपरी सतह पर तरल के दबाव की वजह से नीचे जोर।

ऊपर की ओर बलों

स्पष्ट वजन जो उपाय वसंत, का तनाव।

ब्लॉक के निचले सतह के नीचे तरल वर्तमान की वजह से ऊपर जोर। इस पर जोर ऊपर उछाल के रूप में जाना जाता है।

पानी में डूबे हों तो पिण्ड के वज़न पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

अधिक एक पिण्ड पानी में डूब जाता है, पिण्ड का अधिक वजन कम हो जाती है। यह पूरी तरह से पानी में डूब जाता है, जब पिण्ड का वजन कम से कम है। इस तरह से यह पूरी तरह से पानी में डूब जाता है के रूप में पिण्ड के वजन में कमी बढ़ जाती है कि इसका मतलब है।

एक पिण्ड आंशिक रूप से या पूरी तरह से (या किसी भी अन्य तरल) पानी में डूब जाता है, तब:

पिण्ड के वजन में हानि = पानी (तरल) का वजन पिण्ड = उत्प्लावक बल द्वारा विस्थापित या पिण्ड पर पानी (कोई भी तरल) द्वारा लगाए जाने वाले उत्क्षेप।यह पहली बार पानी में डूब जब शव उनके लिए वजन कम पाया कि जो आर्किमिडीज था। उन्होंने कहा कि अब आर्किमिडीज के सिद्धांत के रूप में जाना जाता है कि उसका अवलोकन के आधार पर एक सिद्धांत का प्रस्ताव रखा।

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